ग्राम चौकी के ताल का मंदिर परिसर में श्रीशिव महापुराण कथा में हो रहे हैं प्रवचन
भिण्ड। अटेर जनपद के ग्राम चौकी (धरई) स्थित सिद्ध पुरुष ताल का मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण की कथा के छठवे दिन प्रवचन करते हुए श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज (खनेता धाम) ने भगवान शिव द्वारा कार्तिकेय और गणेश के विवाह के लिए पृथ्वी परिक्रमा की परीक्षा कथा का वाचन किया।
महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज ने कहा कि भगवान भोलेनाथ दिव्य हजार वर्षों तक दिव्याति दिव्य लीला करते रहे। शिव पार्वती से जुड़े कई प्रसंग बड़े ही प्रचलित हैं। आज हम आपके लिए एक रोचक प्रसंग लेकर आए हैं। इस प्रसंग में शिव-पार्वती ने अपने दोनों पुत्र कार्तिकेय और गणेश की परीक्षा ली। महाराज जी ने कहा कि कार्तिकेय और गणेश में विवाह के लिए झगडा हो गया शिव जी ने कहा जो पृथ्ती की परिक्रमा करके पहले आएगा, उसी का पहले विवाह किया जाएगा। कार्तिकेय पृथ्वी की परिक्रमा करने चले गए और गणेश जी ने शिव पार्वती को बिठाकर उनकी परिक्रमा की और कहा अब आप हमारा ब्याह करें। शिवजी ने कहा अभी आपने पृथ्वी की परिक्रमा तो की नहीं। गणेशजी ने कहा पिताजी शास्त्रों में कहा है कि जो आपने माता पिता की सेवा करता है उस को पृथ्ती परिक्रमा का फल प्राप्त होता है और जो अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ कर तीर्थाटन करता है उसको उसका कोई फल प्राप्त नहीं होता अर्थात माता पिता ही तीर्थमय हैं। गणेश की बातें को सुनकर शिव पार्वती ने रिद्धि सिद्धि के साथ विवाह करा दिया। जिनसे गणेश के शुभ क्षेम नामक पुत्र उत्पन्न हुए। जब कार्तिकेय लौट कर आए तो देखा गणेश का विवाह हो गया है। क्रोधित होकर क्रोंच पर्वत पर चले गए उन्होंने विवाह नहीं किया। भगवान शिव पार्वती भी उसी क्रोंच पर्वत पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्र्लिंग के रूप मे विराजमान हो गए।
कथा आयोजक ओंकारनाथ ओमप्रकाश कांकर हैं। कथा का समय दिन में 12 बजे से शाम पांच बजे तक है। कथा का समापन नौ जून रविवार को पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ होगा। बुधवार को कथा श्रवण करने दंदरौआ धाम के महंत श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामदास जी महाराज पधारे। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रोतागणों ने शिव महापुराण की कथा का श्रवण किया।