मित्रता दिवस पर कवि शिवप्रताप सिंह भदौरिया की पंक्तियां
आपकी बात -: (मित्रता दिवस शुभ हो)
मित्र बनाओ गिरधारी सा, कर्ण कभी न बनाना।
अच्छा औ बुरा न समझे क्या फिर साथ निभाना।
जान रहा हो है कुमार्ग फिर भी न विरोध जताना।
मित्र अगर है गलत राह पर तो फ़र्ज़ उसे समझाना।
कृष्ण दिखाते सद्मार्ग तो कर्ण दुर्योधन का आभारी।
सत्य असत्य का भेद न जाना तभी कुरू सेना हारी।
मंत्र यही जीवन का समझो, शिव दिल औ जान से।
जीवन भी लौटा लाते हैं, मित्र हों कृष्ण, हनुमान से।