व्यापम के जरिये फर्जी तरीके से मेडिकल में एडमिशन लेने वाले आरोपी सौरभ सचान को शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 को एसटीएफ विशेष न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने 3 – 3 वर्ष कारावास एवं 500-500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुधाविजय सिंह भदौरिया एवं आकिल अहमद खान भोपाल द्वारा की गई।
सुधाविजय सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश एवं वर्तमान राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह के द्वारा व्यापाम घोटाले के संबंध मे फर्जी भर्ती के माध्यम से डॉक्टर बनने के संबंध मे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष कार्य बल भोपाल को वर्ष 2021 में एक लिखित शिकायत की गई थी जिसमें उन्होंने संदिग्ध व्यक्तिओं की सूची भी भेजी थी, जिनकी फर्जी भर्ती होने की संभावना थी। उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी लेख किया था कि संदिग्ध छात्र उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं जबकि उन्होंने मध्यप्रदेश का मूलनिवासी प्रमाणपत्र बनवाकर परीक्षा दी एवं उनके सीट आवंटन पत्र में चस्पा फोटो भी भिन्न है। जिस पर एसटीएफ पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 03/2020 धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई।
एसटीएफ द्वारा की गई जांच में पाया गया कि मामले के आरोपी सौरभ सचान के द्वारा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के माध्यम से मेडिकल कालेज में दाखिला लिया गया है। आरोपी के मूल निवासी प्रमाण पत्र की जांच कराये जाने पर उक्त मूल निवासी पर जारीकर्ता विभाग अनुविभागीय अधिकारी त्यौंथर जिला रीवा म.प्र. के द्वारा उक्त प्रमाण जारी ही नहीं किया गया है। वह मूल निवासी भी फर्जी पाया गया है।
सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त अपराध सिद्ध होने पर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। अभियेाजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्को व दस्तावेजों से सहमत होते हुये आरोपी सौरभ सचान को धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के अपराध में प्रत्येक धारा में दोषी पाते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।