Updated by: परानिधेश भारद्वाज (9425416361)
भिण्ड। जिले के मालनपुर स्थित आरटीओ चेक पोस्ट पर वाहनों से जमकर अवैध वसूली की जा रही है। वसूली का यह खेल खुलेआम चल रहा है जिसमें वाहन मालिकों से तीन से चार हजार रुपये एंट्री के नाम पर वसूल किए जा रहे हैं और उन्हें किताबों पर चिपकाए जाने वाले स्टीकर पर गाड़ी नंबर लिखकर दिया जा रहा है। जिसे दिखाकर वाहन बिना कोई रोक-टोक के आरटीओ बैरियर को पार कर सकते हैं। हमारे खुफिया कैमरे में आरटीओ चेकपोस्ट वसूली का यह पूरा खेल कैद हो गया, जिसमें किस प्रकार से प्राइवेट व्यक्ति बाहर बैठकर गाड़ियों को रोक रहे थे और ड्राइवर को अंदर बैठे साहब के पास खिड़की से बात करने के लिए भेज रहे थे। साहब ने भी खुलेआम एंट्री फीस की मांग कर डाली।

दरअसल भिण्ड जिले में दो आरटीओ बैरियर लगे हुए हैं जिनमें एक भिण्ड की सीमा में एंट्री से पहले इटावा रोड पर और दूसरा मालनपुर पर टोल प्लाजा से पहले स्थित है। इन आरटीओ बैरियर द्वारा वाहन चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें अक्सर मिलती रहती हैं। जिसके बाद हमने शनिवार देर रात को इसका स्टिंग किया। जब हम आरटीओ बैरियर पर पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ व्यक्तियों द्वारा बड़े वाहनों को रोककर उनसे कागज दिखाने को बोला जा रहा था। ड्राइवर अपने वाहन के कागजों की फाइल लेकर बैरियर की खिड़की पर पहुंच रहे थे जहां बैठे साहब रंग बिरंगे स्टीकर का पूरा बंच लिए बैठे थे। एंट्री लेने के बाद गाड़ी चालक को यही स्टीकर दिया जा रहा था जिसपर गाड़ी का नंबर और कुछ और भी लिखा था। जब हमने बात की कि हमारी दो गाड़ियां गिट्टी से भरी हुई निकलना है तो उन्होंने बिंदास अंदाज में कहा कि मालनपुर और भिंड दोनों बैरियर से गाड़ी निकालना है तो 4 हजार रुपये लगेंगे और केवल मालनपुर से ही निकालना है तो 3 हजार महीने की एंट्री लगेगी। इस दौरान उन्होंने गाड़ी नंबर भी पूछा तो ऐसे ही गाड़ी नंबर बताया जिससे उनको भरोसा हो गया कि गाड़ी मालिक ही है। जो प्राइवेट व्यक्ति बाहर बैठा था उसने बाकायदा खिड़की पर पहुंचकर बताया कि यह लोग गिट्टी की गाड़ियां निकालना चाहते हैं और इनसे बात कर लीजिए। जिसके बाद अंदर बैठे व्यक्ति ने पूरी वसूली के बारे में बताया। इस दौरान वाहन चालकों ने भी बताया कि पैसे देने पर यह पर्ची मिलती है जिससे महीने भर बेधड़क वाहन निकाल सकते हैं।

जिसके बाद हम यह कहकर वहां से निकल आये कि गाड़ियां पीछे आ रही हैं जो आपको एंट्री दे देंगी। हालांकि हमने बाहर मौजूद व्यक्ति से उसका नाम और नंबर लेने की कोशिश की लेकिन उसने ना तो नाम बताया और ना ही नंबर। उसने कहा कि आप तो गाड़ियां भेज दीजिए हम एंट्री करवा देंगे। जिसके बाद हम वहां से चले आये।

अंदर मौजूद व्यक्ति के बारे में जब हमने पता करने की कोशिश की तो उसका नाम सुनील तिवारी मालूम चला।
अवैध वसूली के इस खुले खेल के बारे में जब हमने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करनी चाही तो जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नंबर व्यस्त रहा। इसके अलावा जब हमने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एसके झा का नंबर ट्राई किया तो उस पर दो बार पूरी पूरी घंटी तो गई लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। साथ ही मालनपुर बैरियर प्रभारी अजीत बाथम को भी कॉल लगाया तो उनका कॉल जस्टडायल पर डायवर्ट था। उनको व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया लेकिन मेसेज देखने के बाद भी कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला। मामले को लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से वर्जन लेना चाहा तो उन्होंने यह मामला परिवहन विभाग का बताते हुए वर्जन देने से मना कर दिया। सबसे आखिर में एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना से बात की तो उनका तुरंत कॉल उठा और उन्होंने अवैध वसूली में कार्रवाई की बात कही।