भिण्ड। त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 के अन्तर्गत प्रथम चरण का मतदान 25 जून 2022 को जिले की जनपद पंचायत लहार की 65 ग्राम पंचायत के 287 मतदान केन्द्रों पर तथा मिहोना (रौन) की 35 ग्राम पंचायतो के 158 मतदान केन्द्रों पर होगा। मतदान सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। कलेक्टर एवं एसपी लगातार मतदान केंद्रों पर घूमकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और लोगों से बढ़ चढ़कर मैदानमे भाग लेने की अपील कर रहे हैं।
मतदान करने के लिये 24 दस्तावेजों में से एक पहचान के तौर पर रहेगा अनिवार्य
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 25 जून, 1 जुलाई और 8 जुलाई 2022 को होना है। इन तिथियों में मतदान करने के लिये मतदाता के पास 24 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज पहचान के तौर पर मतदान केन्द्र पर लाना अनिवार्य रहेगा। पहचान पत्र होने पर ही मत देने का अधिकार मिलेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 24 दस्तावेजों में से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, पीला राशन कार्ड (काम के बदले अनाज योजनान्तर्गत जारी), नीला राशन कार्ड (गरीबी रेखा के नीचे हितग्राहियों हेतु जारी), राशन कार्ड, बैंक, किसान, डाकघर की पासबुक, शस्त्र लायसेंस, सम्पत्ति दस्तावेज जैसे- पट्टा, रजिस्ट्ररी, ब्लेख आदि, विकलांगता का प्रमाणपत्र, निराश्रत प्रमाणपत्र, तेदूपत्ता संग्राहक पहचान पत्र, सहकारी समिति का अंश प्रमाणपत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट साइज, ड्रायविंग लायसेंस, आयकर पहचान पत्र (पीएएन कार्ड), राज्य, केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्यौगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले सेवा पहचान पत्र, छात्र पहचान पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अधिवासी प्रमाणपत्र, पेंशन दस्तावेज जैसे कि- भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत 30 नवम्बर 2009 की स्थिति में जारी फोटोयुक्त जॉबकार्ड को मतदाता की पहचान के लिये मान्य किया है।
इसी तरह आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि मतदाताओं की पहचान के लिये भारत सरकार द्वारा फोटोयुक्त आधार कार्ड, भूतपूर्व सैनिक विधवा, आश्रित प्रमाणपत्र, रेलवे पहचान पत्र और स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र मतदान के दौरान उपलब्ध होना चाहिये। इसके अलावा पीठासीन अधिकारी ऐसा कोई अन्य अभिलेख भी स्वीकार कर सकेगा, जिससे वह मतदाता की पहचान के संबंध में संतुष्ट हो सके। यदि कोई मतदाता दस्तावेज प्रस्तुत करने पर असफल रहता है तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय कोटवार, पटवारी, शिक्षक, ग्राम पटेल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका इत्यादि कर्मियों या किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित करने के उपरांत उसे मतपत्र प्रदान कर सकेगा।