कई दिनों से भिंड सहित कुछ अन्य जिलों में कांग्रेस द्वारा जिला अध्यक्ष बदले जाने की संभावनाओं के बीच अंततः ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने भिंड, विदिशा ईवा पन्ना जिलों के नए जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। जहां भिंड जिले में जिला पंचायत सदस्य रहे युवा नेता मान सिंह कुशवाहा को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं विदिशा में गंज बासौदा से विधायक रहे निशंक जैन एवं पन्ना में नगरपालिका अध्यक्ष रहीं श्रीमती शारदा पाठक को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं 2013 में भिण्ड से कांग्रेस प्रत्याशी रहे वरिष्ठ नेता डॉ राधेश्याम शर्मा को भिण्ड शहर की कमान सौंपी गई है।
भिंड से वर्तमान में जय श्रीराम बघेल जिला अध्यक्ष थे जो कि 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान जिला अध्यक्ष बनाये गए थे। उससे पहले लंबे समय तक डॉ रमेश दुबे कांग्रेस जिला अध्यक्ष रहे थे। लेकिन विधानसभा चुनाव में भिंड से डॉ रमेश दुबे को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पिछड़ा वर्ग से कांग्रेस नेता जय श्री राम बघेल को जिला अध्यक्ष बनाया गया था। पहले जय श्री राम बघेल सिंधिया समर्थक माने जाते थे। लेकिन सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर वह भाजपा में नहीं गए और इसका उन्हें इनाम मिला। हालांकि उनको बघेल और पिछड़ावर्ग समाज का बड़ा वोट बैंक साधने के लिए भी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।
डॉ गोविंद सिंह की खिलाफत ले डूबी जयश्री राम को!
2020 में सम्पन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में मेहगांव प्रत्याशी हेमंत कटारे की हार के बाद उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉक्टर गोविंद सिंह पर कांग्रेस को हराने के आरोप लगाते हुए उनकी खिलाफत शुरू कर दी थी। यहां तक कि निंदा प्रस्ताव भी पारित कर दिया था। जिसके बाद माना जा रहा था कि भिंड का जिला अध्यक्ष बदलना तय है। लॉकडाउन के चलते जिला अध्यक्ष बदलने में देरी हुई। हालांकि दो दिन पहले भी मेहगांव से डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कराया गया, जो जयश्रीराम के अध्यक्षी के ताबूत में अंतिम कील साबित हुई। और अब कमान युवा नेता मान सिंह कुशवाहा उर्फ लालू के हाथों में सौंपी गई है।
नवीन जिलाध्यक्ष को करना पड़ेगा कई चुनौतियां का सामना
आपको बता दें कि मान सिंह कुशवाहा जिला पंचायत सदस्य रहे हैं और वह जमीन से जुड़े हुए युवा नेता हैं। वह कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ गोविंद सिंह से जुड़े हुए हैं। ऐसे में मानसिंह कुशवाहा को जिलाध्यक्ष बनाये जाने से जिले ही नहीं अंचल में डॉ गोविंद सिंह के कद में वृद्धि हुई है। अब देखना होगा कि जिले में बिखरी पड़ी कांग्रेस को एकजुट करने में नए जिलाध्यक्ष कितनी सक्रियता निभा पाते हैं। हालांकि भिंड जिला अध्यक्ष के लिए अपने नेताओं को एकजुट करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। और यह काम टेढ़ी खीर भी रहेगा। हालांकि मानसिंह कुशवाहा एक सहज सरल नेता हैं और जनता से उनका सीधा जुड़ाव भी है, जिसका उन्हें फायदा मिला है। लेकिन यहां अब जिम्मेदारी पूरे जिले की ऐसे में देखना होगा कि उनकी स्वीकार्यता कितनी होती है। या एक बार फिर से कांग्रेस की अंतर्कलह सामने आएगी। यह तो आगामी दिनों में पता चल जाएगा।