परानिधेश भारद्वाज,
हमारी संस्कृति में गाय को संपूर्ण विश्व की माता माना गया है। गाय के अंगों में संपूर्ण देवताओं का वास होता है। गाय जिस स्थान पर बैठती है वह स्थान तो पवित्र बताया ही गया है बल्कि गाय की छाया भी पवित्र एवं कीटाणु रहित बताई जाती है। यात्रा के समय गौ माता का दर्शन सुखद यात्रा के लिए अति लाभकारी माना जाता है। गाय एक पवित्र शक्ति है जिसके शरीर को स्पर्श करने वाली हवा को भी हमारे सनातन धर्म में पवित्र माना जाता है। हमारे शास्त्रों में गाय को 33 कोटि देवी देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। केवल गौ माता की सेवा से ही संपूर्ण देवी देवताओं की सेवा संपन्न मानी गई है और इसलिए गौ माता को सर्वदेवमयी कहा जाता है। उक्त कथन भारत विकास परिषद महिला शाखा जागृति के द्वारा स्थानीय मंशापूर्ण गोकुलधाम मे प्रकल्प संयोजक उषा नगरिया ने कही।

अवसर था भारत विकास परिषद शाखा जागृति के द्वारा चलाए जा रहे संस्कृति सप्ताह के चौथे दिन मंशापूर्ण गोकुलधाम पर गौ ग्रास एवं गौ सेवा गौ पूजन के आयोजन का।
संस्कृति सप्ताह के महत्व को समझाते हुए संस्थापक अरुणा पाठक ने कहा कि परिषद अपने पांच सूत्रों के अनुसार सदैव संस्कृति की रक्षार्थ कार्य करती रहेगी।

मुख्य अतिथि एवं परिषद के समस्त सदस्यों ने मिलकर विधि विधान से गौ पूजन किया एवं उन्हें हरा चारा, गुड़ ,आटा, दाना इत्यादि दान भी दिया।
इस अवसर पर गौशाला गोकुलधाम में निरंतर सेवा कार्य कर रहे सहयोगी डॉक्टर कमलेश श्रीवास्तव एवं हरेंद्र नरवरिया को माल्यार्पण कर शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में भारत विकास परिषद शाखा भिंड के सचिव धीरज शुक्ला का योगदान सराहनीय रहा। इस अवसर पर सचिव रत्ना कुशवाह, कोषाध्यक्ष रेखा अग्रवाल, अरुणा पाठक,आभा जैन, अंजू शर्मा, गीता दीक्षित, दीपशिखा शर्मा , दीपशिखा शर्मा, मनोज दीक्षित, गगन शर्मा एवं आश्रम के विभिन्न कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे।
