परानिधेश भारद्वाज,
टिकट बंटवारे के बाद राजनीतिक उथल-पुथल लगातार बनी हुई है। भिंड विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी से चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचे और फिर भाजपा में शामिल हुए संजीव सिंह कुशवाह उर्फ संजू वापस बहुजन समाज पार्टी की गोद में बैठ गए हैं। वर्ष 2013 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद संजीव सिंह कुशवाह पिता के साथ बसपा में शामिल हो गए थे। लेकिन चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर वह 2018 में बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार होकर चुनाव मैदान में आए और इस बार उन्होंने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की। 2018 में सरकार कांग्रेस की बनी लेकिन वर्ष 2020 में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा सरकार बनने के कुछ समय बाद संजीव सिंह कुशवाह ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें पूरा भरोसा था कि भाजपा से उन्हें वर्ष 2023 में टिकट मिल जाएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र सिंह कुशवाह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद नाराज संजीव सिंह कुशवाह ने वापस बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के पास पहुंचकर टिकट की गुहार लगाई। बतौर संजीव सिंह कुशवाह उन्होंने बहन मायावती के पास जाकर माफी मांगी है और वह बसपा में शामिल हुए। अब संजीव सिंह कुशवाह बसपा के टिकट पर एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरेंगे! हालांकि बहुजन समाज पार्टी द्वारा भिंड विधानसभा से अपने प्रत्याशी की काफी पहले ही घोषणा कर दी गई थी और भाजपा से बसपा में शामिल हुए रक्षपाल सिंह को टिकट दे दिया गया था। लेकिन अब रक्षपाल सिंह का टिकट काटकर संजीव सिंह कुशवाह को मिलना तय माना जा रहा है।

