भिण्ड। भिण्ड नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 6 में आर्यनगर एवं बीरेंद्र नगर के बीच में चक्कर वाली पुलिया से सैनिक कॉलोनी में स्थित सिद्धिदात्री माता मंदिर तक नाले का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन नाले के आसपास स्थित अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही नहीं की गई। जबकि नाले के आसपास बड़ी जगह पर अतिक्रमण किया हुआ है। अगर अतिक्रमण हटाया जाता है तभी चक्कर वाली पुलिया से सैनिक कॉलोनी तक सीधी सड़क भी नाले के समकक्ष बनाई जा सकती है। लेकिन जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहे।
हालात यह हैं कि बिना अतिक्रमण हटाये नाला अपनी पूरी चौड़ाई में बनाया जाना भी संभव नहीं हो सकता। कुछ जगहों पर तो नाला सिकुड़कर बिल्कुल पतला रह गया है जबकि वास्तविकता में नाले की चौड़ाई काफी ज्यादा है। ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है। नाले के आसपास अतिक्रमण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नाले के आसपास बने कई मकानों में पीछे कब्जे की जगह पर स्थायी अतिक्रमण ना कर उसकी बाउंड्री वॉल बनाकर पेड़ पौधे लगाए हुए हैं। जबकि कई घरों में स्थायी रूप से अतिक्रमण कर कमरों का निर्माण कर लिया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले के निर्माण में गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जिस प्रकार से नाले का निर्माण किया जा रहा है वह कुछ ही समय में धराशाई हो सकता है।
वहीं जब मामले में जानकारी के लिए सीएमओ वीरेंद्र तिवारी को कॉल लगाया तो उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ। जबकि नाले का निर्माण कार्य देख रहे सब इंजीनियर अमित शर्मा का कहना है कि पहले नाले का निर्माण बहाव के अनुसार किया जा रहा है और उसके बाद सीमांकन करवाकर दोनों तरफ ढाई अथवा तीन मीटर सड़क का निर्माण कराया जायेगा। इस बीच जो भी अतिक्रमण आएगा उसे हटाने की कार्यवाही की जायेगी।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुछ जगह एक तरफ से अतिक्रमण है जबकि दूसरी तरफ नहीं है और दूसरी तरफ पूरी तरह से नाले का बहाव है, ऐसे में नाला बनने के बाद कैसे सीमांकन होगा और कैसे सड़क का निर्माण कार्य होगा यह समझ से परे है। कुछ लोगों का इहन तो यहां तक है कि एक बार नाला बनने के बाद ठेकेदार पेमेंट लेकर मौज करेंगे और अतिक्रमण हटाने के नाम पर सड़क निर्माण का कार्य अधर में ही लटक जायेगा।