बच्चों अथवा बड़े सभी के जीवन में स्वच्छता अत्यंत आवश्यक होती है। स्वच्छता के बिना हमारा मन कभी स्वस्थ नहीं रह सकता। जब हमारे शरीर की दैनिक स्वच्छता होगी, तभी हमारा मस्तिष्क सही कार्य कर सकेगा। हमें न सिर्फ अपने शरीर की संपूर्ण सफाई करनी है बल्कि आसपास के माहौल को भी स्वच्छ रखना है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए उत्तम स्वच्छता अति आवश्यक है। उक्त विचार डॉक्टर राधा अग्रवाल ने भारत विकास परिषद शाखा जागृति द्वारा चल रहे बाल संस्कार शिविर के चौथे दिवस पर कहीं।
इस अवसर पर डॉ आरके अग्रवाल ने बच्चों को हाथ धोने के विभिन्न चरणों को विस्तार से समझाया।

वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक राधे गोपाल यादव ने शरीर सौष्ठव के विभिन्न गुर एवं विधाओं को प्रदर्शन के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया। राधेगोपाल ने कहा कि जो बच्चे स्वयं से सीखना चाहते हैं वही आगे चलकर सफल होते हैं। उन्होंने भारत विकास परिषद की शाखा जागृति द्वारा किए जा रहे शिविर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चो को भिंड में लाकर प्रशिक्षित करना निश्चित ही दूरगामी सोच का नतीजा है।

ड्राइंग कला प्रशिक्षक दीप्ति मिश्रा एवं छाया मिश्रा ने बच्चों को पेंटिंग एवं स्केचिंग के तरीकों से अभ्यास भी कराया। दीप्ति मिश्रा ने बताया कि मन के भावों को कागज पर उकेरना ही ड्राइंग है। बच्चों ने बड़ी रूचि से सभी विषयों पर उत्कृष्ट अभ्यास आनंदित होकर किया।
शिविर के अंतिम सत्र में बच्चों को पौष्टिक आहार देकर विदा किया गया।
संपूर्ण गतिविधियों में डॉ उमा शर्मा, उषा नगरिया कुशवाह, अरुणा पाठक, दीपशिखा शर्मा, अंजू गुप्ता, सोनाली अग्रवाल एवं शिविर संयोजक प्रियंका शुक्ला का योगदान अतुलनीय रहा।
