updated by- परानिधेश भारद्वाज,
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जहां आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। वहीं वह पहले से ही उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। इसी तारतम्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुरुवार को 39 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है, जिसमें विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवारों की घोषणा चुनाव से काफी पहले हो चुकी है। ऐसे में इन उम्मीदवारों को क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी।
हालांकि काफी पहले उम्मीदवारों की घोषणा से पार्टी में कुछ लोग असंतुष्ट भी रहेंगे। शायद इसी का पता लगाने के लिए और संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए भाजपा ने यह दाव खेला है। यह सभी वह सीट्स हैं जहां पर भाजपा पिछला चुनाव हारी थी। ऐसे में इन सीटों पर भाजपा ने ज्यादा फोकस करने का मन बनाया है। इस दौरान अगर कोई उम्मीदवार कमजोर भी नजर आता है तो या उसका विरोध ज्यादा दिखाई देता है तो भाजपा अंतिम समय मे उसे बदलने से भी गुरेज नहीं करेगी!
भिंड जिले की गोहद विधानसभा सीट से मध्यप्रदेश सरकार में राज्य मंत्री रह चुके और भाजपा अनुसूचित जाति राष्ट्रीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। यहां पर वर्तमान में कांग्रेस के मेवाराम जाटव विधायक हैं और उनकी स्थिति भी क्षेत्र में अच्छी नहीं है। हालांकि मेवाराम जाटव से पहले यहां कांग्रेस से रणवीर जाटव ने चुनाव जीता था। लेकिन सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के साथ ही वह भी भाजपा में आ गए थे और फिर उपचुनाव भी लड़ा था। लेकिन वह अपनी सीट बचा नहीं पाए। इस दौरान हमेशा से एक दूसरे के धुर विरोधी रहे लाल सिंह आर्य और रणवीर जाटव एक मंच पर दिखाई तो दिए लेकिन दिलों की खटास इतनी जल्दी दूर होना बेहद मुश्किल ही है। ऐसे में रणवीर जाटव के हारने के बाद में उनको निगम अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा तो दे दिया गया था, लेकिन इस बार उन्हें टिकट न मिलने से नाराजगी जरूर रहेगी और इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। हालांकि उनको मनाने के लिए भाजपा लॉलीपॉप तो जरूर देगी ताकि सिंधिया को भी खुश रखा जा सके।


