- By Pranidhesh Bhardwaj,
- Photo courtesy- Yogendra Singh Bhadauria
भिंड जिले की चम्बल एवं सिंध नदी में आई भयंकर बाढ़ त्रासदी के बाद जहां पर कुछ नेता केवल आश्वासन लेकर पीड़ित लोगों के बीच बाढ़ त्रासदी झेल चुके गांवों में पहुंच रहे हैं तो वहीं कई नेता और समाजसेवी पीड़ितों की सच्चे दिल से पूरी मदद कर रहे हैं। वह खाने-पीने से लेकर कपड़े और अन्य जरूरी सामान पीड़ित लोगों को दे रहे हैं, ताकि उनकी बेसिक जरूरतों की पूर्ति हो सके।
ऐसे ही नेता हैं भिंड के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और उनके भतीजे समाजसेवी विष्णु राजावत। जो ना केवल बाढ़ के ही दिन से लोगों के बीच पहुंचकर उनकी मदद करते हुए प्रतिदिन उनको खाना बांट रहे हैं, बल्कि उनको पहनने के लिए कपड़े और रात में जीव जंतुओं से बचाव के लिए टॉर्च भी दे रहे हैं। भिंड से दो बार के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह दोपहर से पहले ही खाने के पैकेट लेकर बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों के बीच पहुंच कर उन्हें खाना मुहैया कराते हैं। वहीं उनके भतीजे विष्णु राजावत भी अपने अंकल की तर्ज पर दिन भर पीड़ितों की सेवा में लगे रहते हैं।
गुरुवार को भी विष्णु राजावत बड़ी मात्रा में कपड़ों और टॉर्च के साथ जखमौली, टेहनगुर, द्वार आदि गांवों में पहुंचे और इन लोगों के बीच 300 जोड़ी से अधिक टी-शर्ट और ट्रैक सूट पहनने के लिए जरूरतमंद पीड़ित लोगों को दिए। साथ ही उन्होंने 1000 टॉर्च भी प्रत्येक ग्रामीण परिवार के बीच बांटे। इस बीच हैडलाइन्स इंडिया24 के प्रतिनिधि भी उनके साथ रहे।
विष्णु राजावत का कहना है कि शुरुआत से ही वह लोगों के बीच खाना बांटने पहुंचे। इस बीच उन्होंने देखा कि कई लोगों के पास तो पहनने तक के लिए कपड़े भी नहीं बचे हैं, साथ ही बाढ़ के साथ सांप बिच्छू जैसे कई जीव जंतु घरों में घुस गए हैं। ऐसे में गांव में अंधेरा होने के चलते अक्सर लोगों को यह काट रहे हैं और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर रहे हैं। इसीलिए उनके बीच में जाकर उन्हें कपड़े और टॉर्च बांटने का ख्याल उनको आया। ताकि लोग रात के अंधेरे में जीव जंतुओं से अपनी रक्षा कर सकें।
उन्होंने गुरुवार को दिनभर भीषण गर्मी में भी लोगों को टॉर्च, कपड़े आदि राहत सामग्री बांटी। इसके साथ ही उन्होंने सभी लोगों से बढ़-चढ़कर बाढ़ त्रासदी में पीड़ित लोगों की मदद करने की अपील भी की है। आपको बता दें कि विष्णु राजावत समाज सेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं। कभी भी कहीं भी कोई भी पीड़ित उनको मिलता है तो वह उनकी मदद सहज भाव से करते हैं।