भोपाल: पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन अपने चरम पर है। ऐसे में NMOPS/MP के भोपाल संभाग अध्यक्ष अवनीश श्रीवास्तव ने कहा कि पहले सरकारी कर्मचारी सेवा में आने के पश्चात अपने भविष्य के लिए निश्चिंत हो जाता था क्योंकि उसके बुढ़ापे की लाठी उसकी पेंशन थी, जिसके लिए वह सरकारी सर्विस में आते ही स्वत: ही हकदार बन जाता था। परंतु जब से नई पेंशन व्यवस्था लागू हुई है तब से उसकी आंखों के समक्ष सेवानिवृत्ति के बाद का दृश्य उभर आता है।
नई पेंशन व्यवस्था शेयर मार्केट पर आधारित है। जो कर्मचारी के भविष्य की सेवानिवृत्ति पश्चात सुनिश्चित मासिक पेंशन की व्यवस्था नहीं करती है। नई पेंशन व्यवस्था ना तो पुरानी पेंशन की तरह अंतिम वेतन का 50% पेंशन निश्चित करती है और ना ही समय-समय पर महंगाई भत्ता देने की कोई व्यवस्था नई पेंशन में है। आज कर्मचारी वर्तमान वेतन से तो संतुष्ट नजर आता है मगर भविष्य के प्रति चिंता उसे अंदर से कचोटती रहती है। पुरानी पेंशन व्यवस्था जहां उसे सेवानिवृत्ति के पश्चात सम्मान का हकदार बनाती थी वहीं नई पेंशन व्यवस्था उसे अपमान का घूंट पीने पर विवश कर देती है।
एक कर्मचारी जो अपनी सेवानिवृति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो वह अपने काम में शत-प्रतिशत योगदान कैसे दे सकता है? यद्यपि वह अपने कार्य को पूरी निष्ठा के साथ भी करें तो भी उसमें उत्साह की निरंतरता की कमी हमेशा झलकती रहती है। किसी भी देश की रीढ़ कर्मचारी होते हैं और जब कर्मचारी वर्ग को अपना हक मांगने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे, उसे अपने भविष्य के प्रति चिंतित रहना पड़ेगा तो देश तरक्की कैसे कर सकेगा।
उन्होंने आगे कहा कि NMOPS/MP की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक 19 दिसम्बर को गांधी भवन भोपाल में आयोजित हुई थी, जिसका पहला निर्णय ही संयुक्त आंदोलन की रणनीति तैयार करके सभी को एक मंच पर लाया जाकर मार्च 2022 महीने के अंतिम सप्ताह में भोपाल में बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। यह आंदोलन पूरी तरह से संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में होगा। प्रदेश स्तर पर परमानंद डहेरिया समस्त संगठनों से बात कर रहे हैं। ज्यादातर संगठनों ने एकता की बात पर और पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर सहमत हैं।