जानिए क्या है निक्षय मित्र अभियान, और आप कैसे बन सकते हैं इस अभियान का हिस्सा
परानिधेश भारद्वाज,
पिछले कुछ साल से निक्षय मित्र योजना अभियान संचालित है लेकिन लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। ऐसे में इसको जन-जन के बीच पहुंचाने के उद्देश्य से महाकाली क्लीनिक के संचालक डॉ शैलेन्द्र सिंह परिहार ने पहल करते हुए इस योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण आहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न समाजसेवियों के सहयोग से आयोजित किया। कार्यक्रम का आयोजन सर्किट हाउस के पास स्थित एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल में किया गया। इस दौरान योजना के हितग्राहियों का तो माला पहनाकर सम्मान किया ही गया बल्कि निक्षय मित्र योजना से जुड़े समाजसेवी लोगों एवं संगठनों का भी सम्मान किया गया। जबकि डॉ शैलेन्द्र सिंह परिहार का सम्मान मुख्य अतिथि डॉ यूपीएस कुशवाह ने किया। कार्यक्रम का संचालन दसवीं की छात्रा शैलज्यो परिहार ने किया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए सीएमएचओ डॉ यूपीएस कुशवाह ने कहा कि टीबी जिसको क्षय रोग और तपेदिक भी कहते हैं उसका पूरा इलाज लेना जरूरी है। दवा बीच में छोड़ने से टीबी ठीक नहीं होती और गैप देने से फिर दवाओं का असर भी होना बंद हो जाता हैं। उन्होंने कहा कि टीबी फेफड़ों के साथ ही हड्डियों में भी हो जाती है। फेफड़ों की टीबी का इलाज 6 महीने और हड्डियों की टीबी का इलाज डेढ़ से 2 साल तक चलता है। भिण्ड जिले में अभी कुल 2552 टीबी मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है।

विशिष्ट अतिथि की आसंदी से बोलते हुए जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने कहा निक्षय मित्र अभियान को गांव गांव पहुंचाना है। इसके तहत टीबी उन्मूलन के लिए जन सहयोग से अधिक अधिक लाभार्थियों के बीच यह योजना पहुंचे उसके लिए निक्षय मित्र योजना देश के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई है। डॉ शैलेन्द्र सिंह परिहार अकेले ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार समाजसेवा में लगा हुआ है, चाहे वह कोरोना का दौर रहा हो या कोई और कार्य हो।
क्या है निक्षय मित्र योजना?
निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लिया जाता है। इसके लिए नियमित रूप से मुहिम चल रही है। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को जिले के टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर आवश्यकता अनुसार मदद करनी होती है। इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए आपको भी किसी एक टीबी मरीज को गोद लेकर उसके पोषण आहार आदि की व्यवस्था करना होगी। कम से कम एक वर्ष और अधिकतम 3 वर्ष के लिए मरीज को गोद लेना होता है। इसमें मरीज की सहमति की आवश्यकता होती है। अगर आप निक्षय मिट बनना चाहते हैं तो www.communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन करना होगा।
