- परानिधेश भारद्वाज (9425416361)
डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया जा रहा है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी बैलगाड़ी से संसद भवन जा रहे हैं। इस दौरान काफी भीड़ उनके साथ मौजूद दिखाई दे रही है। भीड़ के बीच में ही मौजूद बैलगाड़ी पर अटल बिहारी वाजपेयी अपना ब्रीफकेस लेकर बैठ गए और फिर वह बैलगाड़ी संसद भवन के गेट पर ही जाकर रुकी, जहां पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। वीडियो देखने पर वास्तव में काफी पुराना प्रतीत हो रहा है, जिसमें उस समय की गाड़ियां और पेट्रोल पंप भी दिखाए गए हैं।
वीडियो वायरल करते हुए लिखा गया है “1973 में जब पेट्रोल की कीमतों में 7 पैसे की वृद्धि की गई, तो पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन हुए और वाजपेयी बैलगाड़ी पर संसद पहुंचे। घटना का एक दुर्लभ फुटेज”
इस दौरान जो तख्तियां लोगों के हाथों में थी उनमें तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार विरोधी कई स्लोगन लिखे हुए थे जिनमें से वीडियो में दिख रहे कुछ स्लोगन इस प्रकार हैं –
TAXATION BY ORDINANCE IS UNDEMOCRATIC,C
CORRUPTION+TAXATION = INDIRA GOVERNMENT,
TAX ON KEROSENE – GARIBI HATAO OR GARIB HATAO?,
7 PAISE RISE 100 PAISE TAX ON PETROL IS CRIMINAL LOOT
लोगों का कहना है कि उस समय महज 7 पैसे की मूल्य वृद्धि पर जब अटल बिहारी वाजपेयी जी बैलगाड़ी पर यात्रा कर सकते हैं और पेट्रोल पर टैक्स को क्रिमिनल लूट बता सकते हैं, तो उन्हीं की पार्टी की सरकार ने आज ऐसी लूट मचाने की छूट क्यों दे रखी है। डीजल-पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाकर अब भाजपा गरीबों को हटाने का काम कर रही है। लोगों का यहां तक कहना है कि जिस प्रकार प्याज की कीमतों के चलते अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार दोबारा नहीं बन पाई थी उसी प्रकार अब डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते ही मोदी की सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं। डीजल पेट्रोल की लगातार बेतहाशा बढ़ती कीमतों के चलते लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुछ अच्छे कार्यों की वजह से लोग खुलकर मोदी विरोध में नहीं बोल रहे हैं लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखने को जरूर मिल रहा है।
नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने से लेकर अब तक यह रहा पेट्रोलियम पदार्थों में बढ़ोतरी का ग्राफ
केवल डीजल पेट्रोल की नहीं रसोई गैस की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में दोगुनी से अधिक हो गई है। इस समय रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 834 रुपये के करीब चल रही है। जबकि मार्च 2014 में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत महज 414 के आसपास थी। एक ओर कीमतें दोगुना हुईं हैं तो वहीं दूसरी ओर सब्सिडी घटाकर ना के बराबर कर दी गई है।
मई 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने देश की कमान संभाली उस समय पेट्रोल कीमत 71 रुपये के आसपास थी जबकि डीजल की कीमत 55 रुपये के आसपास चल रही थी। जबकि मार्च 2016 में पेट्रोल की कीमत घटकर 56 रुपये और डीजल की कीमत 44-45 के करीब हो गयी थी। जबकि सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में लगभग 12 से 13 रुपये की वृद्धि कर दी गई थी।उसके बावजूद कीमत कम हो गई थीं। उस समय मोदी सरकार अपनी जमकर पीठ थपथपा रही थी। इसके बाद कीमतों ने उछाल मारना शुरू किया और फिर जनवरी 2017 में पेटोल की कीमत 71 रुपये के आसपास पहुंच गई। एक बार यहां से कीमतों में कमी आने शुरू हुई और यह जून-जुलाई 2017 में 63 रुपये के आसपास आ गईं थी। यहां से फिर कीमतों ने जो उछाल मरना शुरू किया फिर थोड़ा आगे पीछे होते हुए ऊपर की ओर ही बढ़ती रहीं। जो दिल्ली में आज 100 रुपये के आसपास हैं। अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों का अंतर भी काफी कम हो गया है।
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