- Harsh Pandit
नशा ही दुष्कर्म जैसे अनैतिक अपराधों, पारिवारिक कलह और सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है- धीरज सिंह गुर्जर
राष्ट्र की भावी पीढ़ी को नशे की लत से बचाएं – जिला विधिक सेवा सहायता अधिकारी देवेश शर्मा
नशे से बचने के लिए परिवार में मेलजोल बढ़ाएं, सृजनात्मक गतिविधियां जैसे पेंटिंग, संगीत, लेखन अपनाएं – डॉ हिमांशु बंसल
नशा तन,मन,धन सबकी बर्बादी कर परिवार को तबाह कर देता है -प्राचार्य पी एस चौहान
भिण्ड । आजादी के अमृत महोत्सव में मनाए जा रहे मद्यनिषेध सप्ताह के समापन अवसर पर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1, भिंड में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा सहायता अधिकारी देवेश शर्मा मौजूद रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी चिकित्सक डॉ हिमांशु बंसल, समाजसेवी एडवोकेट सुनील दुबे, प्राचार्य पीएस चौहान, बीआरसीसी सत्येंद्र सिंह कुशवाह एवं रा.से.यो.कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि देवेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा नशा एक ऐसी विडंबना है जिसके दुष्प्रभाव जानते हुए भी लोग इसके दलदल में फंस जाते हैं। सब जानते हुए भी अधिकांश लोग इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। नशे के सभी उत्पादों पर स्पष्ट वैधानिक चेतावनी लिखी होती है कि नशा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके बावजूद भी लोग इसका उपयोग करने से नहीं हिचकते। नशे की अंधी खाई में गिरने के 5-6 खास कारण है – अनुकरण, उकसाना, तनाव, दिखावा, मजबूरी और उपलब्धता। युवा पीढ़ी को इस अंधी दौड़ से बचाने की जरूरत है। नशा करना है तो ईश्वर भक्ति,राष्ट्रीयता का नशा करें, पुस्तकें पढ़ने का नशा करें। डॉ हिमांशु बंसल ने कहा चाहे बच्चे हों, युवा या बड़े हों, नशा प्रायः अधिकांश लोग अपने मित्र मंडली से शुरू करते हैं। अतः हमें काफी सोच समझकर मित्र बनाने चाहिए। अच्छे कार्य की शुरुआत अपने घर से की जानी चाहिए।स्वयं पाक-साफ रहकर ही हम दूसरों को उपदेश दे सकते हैं। स्वयं को एवं परिवार को इस लत से बचाएं। नशे से बचने के लिए रचनात्मक गतिविधियों जैसे संगीत, पेंटिंग, फोटोग्राफी, लेखन, नृत्य आदि में अपनी रुचि बढ़ाएं,परिवार वालों से मेलजोल रखें, एकाकीपन से बचें और रोजाना योग एवं प्राणायाम करें। समाजसेवी सुनील दुबे ने कहा नशा व्यक्ति, परिवार, समाज और पूरे राष्ट्र को खोखला कर रहा है। इसे तिलांजलि देने की जरूरत है। अध्यक्ष की आसंदी से बोलते हुए प्राचार्य पीएस चौहान ने कहा नशा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सभी प्रकार से हानिकारक है। बीआरसीसी सत्येंद्र सिंह कुशवाह ने कहा नशा सर्वनाश की जड़ है, इससे सर्वथा दूर रहें।
कार्यक्रम में छात्रा निकिता राजावत, नैंसी श्रीवास, अनुभा जैन और नीरज यादव ने भी अपने विचार रखे। संचालन कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर ने किया और आभार उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रीति व्यास ने व्यक्त किया। इस दौरान वरिष्ठ व्याख्याता जे एन पाठक, आरबी शर्मा, उपेंद्र भदौरिया, सुरेंद्र शर्मा, संजीव कुशवाह, मधु शर्मा सहित एनएसएस वॉलिंटियर्स एवं छात्र छात्राएं मौजूद रही। कार्यशाला में नशे के दुष्प्रभावों को प्रदर्शित करने वाली पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई। अंत में जीवन पर्यंत नशा न करने के संकल्प को दोहराया गया।