- परानिधेश भारद्वाज
भिण्ड (BHIND) जिले के लावन गांव में स्थित शासकीय विद्यालय (Government middle school) में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक राजेश बाबू त्रिपाठी (Rajesh Babu Tripathi) को लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर द्वारा आखिरकार सेवा से बर्खास्त (terminate) कर दिया गया है। राजेश बाबू को किसी अन्य रिश्तेदार महिला सीमा शर्मा के नाम पर, उनके कागज उपयोग कर अपनी पत्नी कान्ति देवी को शिक्षक वर्ग 3 की नौकरी दिलाये जाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद गोहद कोर्ट द्वारा उन्हें अलग-अलग धाराओं में दोषी मानते हुए क्रमशः 3, 7,7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। यही नहीं शिक्षक साहब को जो चार सौ बीसी की आदत थी वह यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने एक और फर्जीवाड़े को अंजाम दे दिया। जानकारी के मुताबिक जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद इन्होंने फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्र बनवाकर जेल अवधि की तनख्वाह भी विभाग से निकाल ली। जब यह मामला खुला तो अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में उन्होंने जेल अवधि की तनख्वाह निकाले जाने पर जांच बैठा दी। इसमें डॉक्टर भी लपेटे में आ रहे हैं जिन्होंने बिना जांच किये ही बीमारी का फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया। साथ ही इनके जेल जाने की खबर पूरे विभाग को थी फिर भी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आखिर कैसे इनकी तनख्वाह फर्जी मेडिकल के आधार पर निकाल दी, वह भी जांच का विषय है।
लेकिन इस सबके बीच सवाल यह भी उठने लगे कि आखिर 7 साल की सजा मिलने के बावजूद राजेश बाबू को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया। आखिरकार लोक शिक्षण विभाग ग्वालियर द्वारा पत्र जारी कर माध्यमिक शिक्षक राजेश बाबू त्रिपाठी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इस आशय की पुष्टि जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा भी प्रेस नोट जारी कर कर दी गई है।
देखें दोनों पत्र…