संजय भूता का आरोप- भूता परिवार व उनके पूर्वजों की स्मृति को नष्ट करने का नगरपालिका के द्वारा षडयंत्र
भिण्ड, पवन शर्मा
भिंड शहर के मेला परिसर में बनाए जा रहे पावर हाउस के निर्माण को रोकने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता संजय भूता ने कहा मिण्ड नगरपालिका के द्वारा प्रति वर्ष लगाये जाने वाले स्व. हरिकिशन दास भूता मेले की शुरुआत सन 1954 में मेरे स्व दादाजी हरकिशन दास जादव जी भूता के द्वारा की गई थी, जिसके लिए मेरे दादाजी के द्वारा जमीन निजी स्वत्व की मेले को दी गई थी। मेरे स्व दादाजी हरकिशनदास जादव जी भूता का मेला लगाने का उद्देश्य भिण्ड के व्यापारियों का व्यापार बढ़ाने एवं बाहर के व्यापारियों को बुलाकर उन वस्तुओं का विक्रय कराना, जो भिण्ड में उपलब्ध नहीं थी । श्री संजय भूता ने मेले की जमीन पर किसी अन्य गतिविधियों को न करने का भी उस वक्त अनुबंध किया गया था। वर्तमान में मेले की वह जगह जहाँ सर्कस झूले इत्यादि लगाये जाते रह है. उस जगह को विद्युत विभाग को दे दी गई है। इन कृत्यों से मेला लगाने का उद्देश्य एवं व्यापारी समाज को व्यापार बढ़ाने से रोकने का है ।
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से मेले के बीचों-बीच जो गोलम्बर है उसे चाट तेले का केन्द्र बना दिया है । नगर पालिका के द्वारा षडयंत्र पूर्वक सुनियोजित तरीके से मेले को समाप्त किया जा रहा है । नगरपालिका सुनिशचित करे कि सर्कस एवं झूले की जगह सुरक्षित रखी जाये, ताकि उनके हितों पर व आम नगारिकों के मनोरंजन पर कुठाराघात न हो । प्रेस वार्ता के उन्होंने कहा कि अंत में हमारी मांग है कि मेले में बनने वाले पावर हाउस का निर्माण रोका जाये एवं मेले को सुनियोजित रूप से निरन्तर चलाया जाये ।
भाजपा शासन में भिण्ड के व्यापारियों को न व्यवस्था और न सुरक्षा इसलिए भिण्ड पिछड़ा –
प्रेसवार्ता में जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा.अनिल भारद्वाज ने कहा पिछले 17 सालो में भाजपा सरकार में भिण्ड जिले के व्यापारियों को जनप्रतिनिधियों ने न कोई व्यवस्था मुहैया करा पाई और न सुरक्षा इसी कारण क्षेत्र का महत्वपूर्ण बड़े व्यापारी इंदौर, ग्वालियर, अहमदाबाद सहित बड़े शहर में पलायन कर गये। जो बचे हैं उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जिस क्षेत्र में व्यापारी पलायन करने को मजबूर हो जाए उसका क्षेत्र का कभी विकास संभव नही है। इसीकारण भिण्ड पिछड़ा हुआ है।
इस अवसर पर श्री भूता के अलावा कॉन्ग्रेस प्रवक्ता अनिल भारद्वाज, आदित्य पुरोहित व दीपू दूबे मुख्य रूप से उपस्तिथ रहे।