- परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिंड जिले की चंबल, सिंध एवं क्वारी नदियों में आई भीषण बाढ़ आपदा में तबाह हुए लोगों की जहां एक तरफ कई लोग मदद कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपदा को अवसर में बदलने का काम करते हुए बाढ़ में बहकर आये पशुओं को वापस करने के एवज में रुपए भी मांग रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सिंध नदी के किनारे बसे गांव भारौली कला में। जहां पर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बाढ़ में बहकर आई भैंस को बेचने की कोशिश कर रहे लालची लोगों से पीड़ित भैंस मालिक को उसकी भैंस वापस दिलाई। भैंस मालिक के अनुसार बाढ़ में बहकर आई भैंस पर कब्जा कर उसे बेचने की कोशिश करने वाला भी कोई ऐसा वैसा आदमी नहीं बल्कि बहादुरपुरा का सरपंच विक्रम सिंह राजावत था।
दरअसल भारौली कला गांव सिंध नदी के किनारे पर बसा हुआ है। ऐसे में अगस्त के शुरुआत में सिंध नदी में आई भीषण बाढ़ में पूरा गांव डूब गया। जिसमें कई छोटे बड़े पशु भी बाढ़ में बह गए। इसी गांव के रहने वाले राहुल सिंह राजावत की भैंस भी बाढ़ में बह गई थी, जो 45 किलोमीटर दूर बिछौली बहादुरपुरा गांव के पास पानी के बीच में एक टीले पर कुछ लोगों को मिली। उन्होंने इस भैंस को लाकर बांध लिया और फिर इसे बेचने की कोशिश की तो उन लोगों में रुपयों के लेनदेन को लेकर आपस में झगड़ा हो गया। जिसका वीडियो वहीं के एक युवक ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
वायरल वीडियो अहमदाबाद में रह रहे भारौली गांव के एक युवक पर पहुंचा जिसने यह वीडियो भारौली गांव में अपने लोगों को भेजा, क्योंकि उसे पता था कि यहां के गांव की कुछ भैंस बाढ़ में बह गईं हैं। जैसे ही वायरल हुआ वीडियो भैंस के असल मालिक राहुल सिंह राजावत को मिला तो उन्होंने तुरंत अपनी भैंस को पहचान लिया।
राहुल ने पहले तो विक्रम सिंह का नंबर तलाशकर उसे कॉल कर भैंस वापस देने की गुहार लगाई, लेकिन उसने 50 हजार रुपयों की मांग कर दी। लेकिन राहुल कुछ लोगों को लेकर तुरंत बहादुरपुरा बिछौली गांव पहुंचा। राहुल की भैंस वहां के सरपंच विक्रम सिंह राजावत की देखरेख में बंधी थी। जब राहुल ने सरपंच विक्रम सिंह से अपनी भैंस वापस करने की बात कही तो सरपंच ने भैंस देने के एवज में पहले 50 हजार रुपये की मांग की और बाद में 35 हजार रुपये की मांग पर अड़ा रहा।

लेकिन बाढ़ में अपना सब कुछ गंवा चुके राहुल राजावत रुपए देने की स्थिति में नहीं था तो उसने इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को उस समय दी जब पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह कलेक्टर सतीश कुमार एस के साथ गांव में स्थिति का जायजा लेने पहुंचे हुए थे।
जैसे ही पुलिस अधीक्षक को इस बात की जानकारी लगी उन्होंने तुरंत रौन थाना प्रभारी उदयभान सिंह यादव से बात की, और जब टीआई उदयभान सिंह यादव ने पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर सरपंच को अपने पुलिसिया अंदाज में समझाइश दी तब जाकर भैंस उसके असल मालिक को वापस दिलवाई जा सकी। भैंस बांधने वाले सरपंच विक्रम सिंह राजावत की दबंगई और लालच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भैंस मालिक ने अपने मोबाइल के जरिये पुलिस अधीक्षक की बात विक्रम सिंह से करवाई तो उनके कहने पर भी विक्रम ने भैंस वापस करने से इंकार कर दिया।
बाद में जब रौन थाना पुलिस फोर्स भेजा गया तब कहीं जाकर दबंग और लालची सरपंच विक्रम सिंह ने भैंस वापस की। जिसके बाद राहुल राजावत ने पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और सभी पुलिसकर्मियों का धन्यवाद अदा किया।
आपको बता दें कि भारौली कला और बहादुरपुरा बिछौली के बीच की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 45 किलोमीटर जबकि नदी मार्ग से लगभग 20 किलोमीटर होगी। ऐसे में अंदाज लगा सकते हैं कि बाढ़ कितनी भयावह थी।
सुनिये क्या कहना है भैंस मालिक राहुल सिंह राजावत का…[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=DjLETVB7ldU[/embedyt]