शिक्षित वह जिसमें समाज के प्रति संवेदना हो: जिपं सीईओ
मानसिक रूप से समृद्ध होकर करें समाज निर्माण: एडीएम
महापुरुषों से सीख लें और इतिहास रचें: शैलेश नारायण सिंह
बाबा साहेब ने सर्वहित और सर्वसमाज के हित की बात की: श्रृवण पाठक
परानिधेश भारद्वाज,
भिण्ड। शिक्षित वह है जिसमें समाज के प्रति संवेदना का भाव हो, बाबा साहब ऐसे ही संवेदनशील महापुरुष थे वह ऐसे विचारक थे जिनसे हमें सकारात्मक प्रेरणा मिलती है। अतः महापुरुषों से हम अच्छे विचारों और कार्यों की सीख लें, और सभी के साथ समानता का व्यवहार करें जिससे राष्ट्र को एक नई दिशा मिले और हम सब प्रगति की तरफ निरंतर बढ़ते रहें उक्त बात जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मनोज कुमार सरियाम ने कही। वे मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित समानता पर्व नामक व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। इस अवसर पर अपर कलेक्टर जेपी सय्याम, मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया, पुरातत्व विभाग के जिला अधिकारी प्रबल श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री जन सेवा जिला समन्वयक वेदांत जी, मुख्य वक्ता के रूप में शैलेश नारायण सिंह और श्रृवण पाठक, खेल प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव, वरिष्ठ समाजसेवी आलोक देपुरिया सहित मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों, नवांकुर संस्थाओं, सीएमसीएलडीपी के छात्र, सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि तथा अन्य वॉलिंटियर्स भी मौजूद थे। कार्यक्रम का कार्यक्रम का संचालन और आभार जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदोरिया ने किया।
जिला पंचायत सभागार में दीप प्रज्वलन के बाद बोलते हुए जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि यह हमें तय करना है कि हमें किस प्रकार कार्य करना हैं। जो अच्छे कार्य करते हैं समाज सदैव उनका ऋणी होता है और नई पीढ़ी सदैव उनका अनुकरण करती है। हम सबको बिना किसी वैमनस्यता, भेदभाव के अच्छे कार्यों में संलग्न रहना चाहिए। शिक्षित वह जिसमें समाज के प्रति संवेदना हो। अतः अधिक से अधिक शिक्षित हों यह ध्यान रहे।
अपर कलेक्टर जेपी सय्याम ने कहा कि बाबा साहब के बारे में जितना भी कहा जाए उतना कम है। उनके लिए कोई एक घंटे या 1 दिन की व्याख्यानमाला पर्याप्त नहीं है बल्कि वह अपने आप में इतना विस्तृत किरदार हैं कि आगे आने वाली पीढ़ी भी सदैव उनसे प्रेरणा लेती रहेंगी। हमें उनके आदर्शों पर चलकर उनके द्वारा बताए गए समाज का निर्माण करना है तभी उन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अभी हमें मानसिक रूप से भी समृद्ध होना होगा, तभी बाबा साहब की प्रासंगिकता साकार हो सकेगी।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए शैलेश नारायण सिंह ने कहा कि ईश्वर हमेशा समाज में समाज के लिए निमित्त तैयार करता है। बाबा साहब ने भी निमित्त बनकर समाज को एक नई दिशा दी। वह अद्भुत मेधा के धनी थे। वे किसी एक वर्ग के व्यक्ति नहीं थे। वह सदैव समाज की कुरीतियों के विरुद्ध खड़े रहे और जरूरतमंदों की सदा मदद की। उनकी समग्र सोच ही उनको बड़ा बनाती है। हमें उनसे सीख लेने की आवश्यकता है। महापुरुषों से सीख लें और इतिहास रचें। यही इन समानता पर्व का नवनीत होगा।
वरिष्ठ समाजसेवी श्रृवण पाठक ने कहा बाबा साहब ने सर्वहित और सर्वसमाज के हित की बात की। आज बाबा साहब के मूल्यों और आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है। उनके लिए यही एक दिन नहीं बल्कि 365 दिन हैं। उन्होंने कभी भी किसी विशेष जाति वर्ग के लिए काम नहीं किया बल्कि सर्वहित और सर्व समाज के लिए कार्य किया। उनके जीवन के कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें उन्होंने सदैव राष्ट्र को केंद्र में रखकर कार्य किया है। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए और उनके आदर्शों पर चलकर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी आलोक देपुरिया ने कहा कई महापुरुषों ने अच्छे कार्य किए हैं जिनसे समाज को एक विचार भी मिला है। उनके इन्हीं विचारों और कार्यों से नई पीढ़ी को सीख मिलती है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी ऐसे ही विचारक हैं, हमें यह ध्यान रखना होगा। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
उक्त व्याख्यानमाला का आयोजन मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के माध्यम से प्रत्येक विकासखंड में किया गया। लहार, रौन, गोहद, मेहगांव, भिंड, अटेर में इन आयोजनों में जन अभियान परिषद से जुड़े समस्त इकाईयों ने अपनी सहभागिता की। अंत में आभार प्रदर्शन जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह ने किया।