भिंड। भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री बृजेश चौधरी ने शासन एवं प्रशासन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि बाजरा की तुलाई यदि शीघ्र प्रारंभ नहीं की गई तो एतिहासिक आंदोलन किया जायगा।
उन्होंने शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार कहती है कि हम किसानों की आय दोगुनी करेंगे, वहीं दूसरी तरफ ऐसे ऐसे कानून बनाये जा रहे हैं जिससे किसान मजबूर हो कर खेती छोड़ कर पलायन कर जाये। विगत दो वर्षों से किसान प्राकृतिक आपदाओं के कारण कृषि कार्य में घाटे में जा रहा है और खेती छोड़ने को मजबूर होता जा रहा है। क्योंकि कभी अतिवृष्टि, कभी ओलावृष्टि तो कभी सूखा के कारण फसल नष्ट होती जा रही हैं। दूसरी तरफ उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। यूरिया डीएपी के लिए घंटो लाइन में लगने के बाद भी कोई गारंटी नहीं है कि मिल जायगा। सोसाइटी के कर्मचारी एवं प्रायवेट डीलर सरेआम ब्लैक में खाद बेच रहे हैं, उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है। उन्होंने कहा कि बेचारा किसान दो दो बार बोनी कर रहा है, फिर भी उत्पादन कम हो रहा है। लेकिन सरकार समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदने में असमर्थता व्यक्त कर रही है, उल्टा किसानों का बाजरा अमानक बताते हुए सैम्पल फैल कर दिये जा रहे हैं। ब्रजेश चौधरी ने सोसाइटी कर्मचारियों पर अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए कहा जिन कर्मचारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन कराये थे, उन्होंने उ.प्र. से बाजरा मंगाकर बेच दिये, जबकि वास्तविक किसान वंचित रह गये।
किसान नेताबृजेश चौधरी ने शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब और अन्याय नहीं सह सकते हैं। यदि बाजरा की खरीदी दो दिन के अंदर शुरू नहीं हुई तो 12 दिसंबर से अनिश्चित कालीन धरना और अनशन प्रारंभ किया जायगा। फिर भी शुरू नहीं हुई तो 16 दिसंबर को जिला कलेक्टर का घेराव किया जायगा। उन्होंने बाजरा खरीद पर आरपार की लड़ाई की बात करते हुए कहा कि किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी सुनवाई नहीं हो जाती।