परानिधेश भारद्वाज,
भारत विकास परिषद महिला शाखा जागृति के द्वारा चलाए जा रहे संस्कृति सप्ताह के अंतिम दिवस स्थानीय गौरी किनारे कालेश्वर मंदिर घाट पर दीपदान का आयोजन किया गया। दीपदान में पर्यावरण संतुलन और गौरी मैया की स्वच्छता का भी ध्यान रखा गया। सदस्यों द्वारा आटे से निर्मित दीपक का प्रज्वलन कर मंत्रोच्चार के साथ समस्त पापों का हरण करने वाली पापमोचनी एकादशी पर गौरी मैया में यह दीपक दान किए गए। आटे से निर्मित दीपक मछली एवं जलीय जीवो का भोजन बनेंगे और पर्यावरण में संतुलन रहेगा यह संदेश भी दिया गया।

प्रकल्प संयोजक दीपशिखा शर्मा ने बताया कि मनुष्य जाने-अंजाने में कुछ ऐसे पाप कर बैठता है, जिसके कारण उसे इस जीवन में व अगले जीवन में दंड भोगना पड़ता है। ऐसे में इन पापों से बचने के लिए पापमोचनी एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए आज संस्कृति सप्ताह के समापन पर जागृति शाखा के सदस्य मां गौरी पर अपने पापों की मुक्ति के लिए दीपदान कर रहे हैं।
पुष्पा चतुर्वेदी ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। वहीं पापमोचनी एकादशी व्रत रखने से अनजाने में हुई गलतियों से साधक को छुटकारा मिल जाता है और उसे सहस्त्र गोदान यानी 1000 गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस अवसर पर शाखा सचिव रत्ना कुशवाह, अरुणा पाठक, आभा जैन, स्नेहलता भदोरिया, अंजू शर्मा, शिखा चावला, अंजू गुप्ता, उषा नगरिया, हेमलता द्विवेदी, गीता दीक्षित, गगन शर्मा, धीरज शुक्ला, मनोज दीक्षित, कैलाश नगरिया, राकेश जैन आदि उपस्थित रहे।
