एसपी छतरपुर बतायें – पुलिस ने क्यूं नहीं लिखी रिपोर्ट ?
छतरपुर जिले के ईशानगर थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम पहाड़गांव निवासी दुर्जन पुत्र गोवर्धन कुशवाहा ने एसपी आफिस में आवेदन देकर बताया कि गांव के एक युवक ने उसकी नाबालिग पुत्री का अपहरण कर लिया है और ईशानगर पुलिस द्वारा इस संबंध में न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही उसकी अपहृत पुत्री की तलाश की जा रही है।
दुर्जन के मुताबिक बीते 25 जून को वह अपनी पत्नी के साथ ग्राम बटुआ एक शादी समारोह में गया था। घर पर उसकी मां एवं नाबालिग पुत्री थी। 26 जून की शाम करीब चार बजे जब वह वापस लौटा, तो पुत्री घर पर नहीं मिली। दुर्जन की मां के मुताबिक वह बकरियां चराने गई थी। जब वापस लौटी, तो उसकी पोती घर पर नहीं थी।
दुर्जन का कहना है कि घटना से एक-दो दिन पहले गांव के देशराज पुत्र रामदयाल कुशवाहा ने लड़की को उठा ले जाने की धमकी दी थी। आशंका है कि देशराज ही उसकी बेटी का अपहरण करके ले गया है।
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने एसपी छतरपुर से तीन सप्ताह में जवाब मांगकर पूछा है कि मामले में पुलिस ने रिपोर्ट क्यूं नहीं लिखी?
*जेल बंदियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिये जेल व पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये जायें*
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक मामले के संदर्भ में कहा है कि राज्य शासन यह सुनिश्चित करे कि जेल में दाखिल बंदियों के स्वास्थ्य की देखभाल के उत्तरदायित्व के सुनिश्चित पालन हेतु सभी जेल/पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये जायें, जिससे जेल में रहने के दौरान बंदियों को गरिमापूर्ण जीवन के साथ ही उचित और प्रभावी स्वास्थ्य सुविधा की प्राप्ति के मौलिक/मानव अधिकार के उपयोग का पालन पूर्ण हो सके और जेल अथवा पुलिस अधिकारियों की इस संबंध में उपेक्षा के कारण ऐसे बंदी ऐसे मूलभूत/मानव अधिकार के उपयोग से वंचित नहीं हो सके। आयोग ने सीहोर जिले के *प्रकरण क्र. 3451/सीहोर/पुलिस/2021 में* राज्य शासन को यह अनुशंसा की है।