मध्यप्रदेश से उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 719 (पूर्व में NH-92) पर स्थित चंबल पुल की एक बेरिंग खिसकने से एक बार फिर से इस पुल पर आवागमन बंद होने की आशंका जताई जाने लगी है। हालांकि बैरिंग डिस लोकेट होने की जानकारी लगते ही उत्तरप्रदेश सेतु निर्माण विभाग के इंजीनियर मौके पर पहुंच गए और उन्होंने पुल की बैरिंग की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों द्वारा अभी आवागमन बंद होने की बात से इनकार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बैरिंग डिस लोकेट हो गई है और उनको कसकर उनकी जगह पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि अभी बैरिंग को कसने से भाई यथा स्थान पहुंच जाएगी ऐसे ना आवागमन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा हालांकि अधिकारी का यह भी कहना है कि अगर बैरिंग सही नहीं हुई तो फिर परमिशन लेकर आवागमन को बंद कर उसको दुरुस्त करना पड़ेगा।
आपको बता दें कि पुल के सातवें पिलर की बेरिंग डिस लॉकेट हो जाने से पुल पर गेप आ गया। जिसकी जानकारी लगते ही उसके मेंटिनेंस का कार्य शुरू करा दिया है। यह मेंटीनेंस आज शाम तक पूर्ण हो जाएगा। मेंटिनेंस होने तक फिलहाल भारी वाहनों का रूट बदल दिया गया है। इससे पहले भी कई बार चम्बल पुल की मरम्मत किये जाने के चलते कई कई दिनों तक इसपर आवागमन बंद करना पड़ा है।
बड़ी बात तो यह है कि भिण्ड-इटावा के बीच चंबल पुल पर भारी मात्रा में रेत और गिट्टी के भरे ओवरलोड वाहनों का आवागमन होता है। जिन पर लगाम ना लगाने के चलते आये दिन पुल में दरार आ जाती है और पुल पर से आवागमन बंद करना पड़ता है। अगर सभी वाहनों को उनकी निर्धारित क्षमता में ही भार लेकर निकलने दिया जाए तो शायद पुल की बार-बार बैरिंग स्लिप होने और आवागमन बंद होने की समस्या से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है।
फिलहाल जो कंपनी मेंटिनेंस का कार्य कर रही उसका कहना कि अभी पुल की बेरिंग स्लिप हो गई और उसे ठीक कराया जा रहा है। वाहनों का आवागमन अभी बंद नही किया जाएगा। अगर चाबी को कसने से बैरिंग ठीक नहीं होती है तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी जाएगी और फिर परमिशन लेकर आवागमन रोककर कार्य करना पड़ सकता है।
सुनिये क्या कहा सुभाष चन्द्र शर्मा, जेई मेंटिनेंस कम्पनी लखनऊ ने
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