भिंड एसपी शेलेन्द्र सिंह चौहान ने प्रेस वार्ता में किया अटेर रोड पर हुए नाबालिक बच्चे के मर्डर का खुलासा
फिरौती के लिये किया गया था अपहरण वीडियो बनाकर हत्याकर फिरौती मांगने की थी साजिश
भिण्ड, पवन शर्मा
भिण्ड शहर में मंगलवार को लापता हुए बच्चे का शव बुधवार को घर से कुछ ही दूर मिलने के मामले में सक्रिय हुई पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुख्य आरोपी सहित उसकी सहायता करने वाले 5 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। बतौर पुलिस आरोपी स्कूल संचालक कर्ज में डूबा हुआ था और कर्ज चुकाने फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया था।
दरअसल देहात थाना क्षेत्र के श्रीराम कॉलोनी में रहने वाले धीरेंद्र शर्मा का 11 वर्षीय लड़का मंगलवार को खेलने के लिए घर से बाहर निकला लेकिन वापस नहीं आया तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए भिण्ड से लेकर इटावा ग्वालियर तक बच्चे की तलाश की, लेकिन बुधवार को सुबह बच्चे का शव उसके घर से थोड़ी दूर ही स्थित आरकेडी स्कूल के पीछे बोरी में बंधा हुआ मिला। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपुसे एवं नगर पुलिस अधीक्षक निशा रेड्डी के निर्देशन में 11 वर्षीय बालक की हत्या का खुलासा करने के लिए टीम को लीड किया गया। देहात थाना प्रभारी विनोद सिंह कुशवाह ने भी तत्परता दिखाते हुए क्लू जुटाना शुरू किया तो शक की सुई स्कूल संचालक पर गई। जब उसकी तलाश की गई तो वह घर पर नहीं मिला लेकिन पुलिस द्वारा साइबर सेल की मदद से उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे हिरासत में ले लिया गया। इसके साथ ही मर्डर एवं शव को ठिकाने लगाने में उसकी मदद करने वाले 5 अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया। बतौर पुलिस अधीक्षक पूछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान स्कूल बंद होने से उसके ऊपर कर्जा हो गया। वहीं उसे ऑनलाइन सट्टे की लत भी लग गई। जिसके चलते उसका कर्जा बढ़ता गया। वहीं कर्जदार उसको कर्जा चुकाने के लिए परेशान करने लगे। जिसके बाद उसने किसी शासकीय कर्मचारी के बच्चे का अपहरण करने की योजना बनाई ताकि पैसे का इंतजाम शीघ्र अतिशीघ्र हो सके।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार स्कूल के पास रहने वाले धीरेन्द्र शर्मा जो छत्तीसगढ़ में एसएएफ में पदस्थ हैं वह करीब 3-4 दिन पहले छुटटी पर घर आया था। इसी अवसर का आरोपी ने फायदा उठाया और गुरुनानक जयंती पर स्कूल की छुट्टी होने से बच्चे को चोकलेट का लालच देकर इशारे से बुलाया और उसे रस्सी से बांध दिया। उसके बाद उसका वीडियो बनाया। फिरौती के लिए वीडियो बनाकर योजना के अनुसार उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी क्यों कि लड़का स्कूल संचालक को पहचानता था और पिछले साल तक उसी के स्कूल में पढ़ाई भी करता था। लेकिन मोबाईल में इंटरनेट न होने के कारण वीडियो बच्चे के परिजनों को नहीं भेजा जा सका। लाश को ठिकाने लगाने के लिये उसने अपने साले व अन्य आरोपियों का सहयोग लिया।
योजना के अनुसार आरोपी दो लोगों के साथ मोटर साईकिल से रात में स्कूल पर आया। स्कूल संचालक द्वारा शव को उठाकर स्कूल की छत से बगल में पड़े खाली प्लाट में फेंक दिया। ऊपर से फेंके गये शव को दोनों रिश्तेदारों द्वारा उठाकर ठिकाने लगाना था। वहीं पुलिस पर नजर रखने के लिये एक व्यक्ति को लगाया गया था। किन्तु पुलिस की सक्रियता एवं घेराबन्दी के कारण डर से दोनों रिश्तेदार शव नहीं उठा पाये और खाली प्लाट में ही छोड़कर भाग गये। पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त मोटरसाईकिल, प्लास्टिक की बोरी, रस्सी को जप्त किया गया।
सुनिए क्या कहना है पुलिस अधीक्षक का-
उक्त सरहानीय कार्य में निरीक्षक विनोद सिंह कुशवाह थाना प्रभारी देहात, निरीक्षक जितेन्द्र मावई थाना प्रभारी सिटी कोतवाली, उनि रविन्द्र सेंगर, उनि दीपेन्द्र यादव, उनि शिवप्रताप सिंह, उनि आलोक तोमर, उनि नीतेन्द्र मावई, उनि रवि तोमर, उनि रविन्द्र तोमर, उनि आशीष यादव सउनि रामनरेश टुण्डेलकर, सउनि सत्यवीर सिंह, प्रआर केशव भदौरिया, मृगेन्द्र जादौन, सोनेन्द्र, गुरूदास, सुमित तोमर और ज्ञानेन्द्र मिश्रा, अभिषेक गुप्ता, सन्दीप राजावत, ब्रजनन्दन, प्रदीप भदौरिया, रवि यादव की सराहनीय भूमिका रही।
सीधे और शांत स्वभाव का था आरोपी, कैसे बन गया हत्यारा?
लोगों की मानें तो इस जघन्य हत्याकांड का मुख्य आरोपी बेहद ही सीधे एवं शांत स्वभाव का है। उसने कई बार सरकारी नौकरी के लिए भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। जिसके बाद उसने आरकेडी नाम से स्कूल खोला और ट्यूशन भी पढ़ाता था। लेकिन लॉक डाउन के दौरान ऐसा क्या हुआ जो उसके ऊपर कर्जा बढ़ गया यह किसी के गले नहीं उतर रहा। लेकिन अगर पुलिस की मानें तो उसे ऑनलाइन सट्टा खेलने की आदत लग गई और उसी में उसका कर्जा भी बढ़ता गया। और उसी कर्जे को उतारने के चक्कर में उसने अपहरण एवं हत्या जैसा जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया।