पवन शर्मा,
भिंड। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 483वी जयंती के अवसर पर भव्य चल समारोह का आयोजन होने जा रहा है और इसमें हिस्सा लेने के लिए शहर के युवाओं ने व्यापारी लोगों को गुरुवार को पीले चावल देकर आमंत्रित किया।
महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर चल समारोह का आयोजन किया जा रहा है । भव्य महाराणा प्रताप चल समारोह 22 मई को दोपहर 4 बजे से खंडा रोड से प्रारंभ होकर सदर बाजार, गोल मार्केट, बजरिया, लहार चुंगी से होते हुए महाराणा प्रताप की प्रतिमा सर्किट हाउस पर समापन होगा।
इस अवसर पर सभी युवा साथियों ने कहा कि भारत के इतिहास में जब भी पराक्रमी और शूरवीर राजाओं की बात होती है तो महाराणा प्रताप का नाम ज़रूर लिया जाता है। उस समय दिल्ली में मुगल शासक अकबर का राज था और अकबर सभी राजाओं को अपने अधीन करना चाहता। उस समय केवल महाराणा प्रताप ही ऐसे राजा थे जिन्होनें अकबर की गुलामी करने से इंकार कर दिया। मुगल शासक अकबर कभी भी महाराणा प्रताप को अपने अधीन नहीं कर पाया और जब 57 वर्ष की उम्र में 29 जनवरी, 1597 को अपनी राजधानी चावंड मे धनुष की डोर खींचते वक्त आँत में चोट लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। तो कहा जाता है कि अकबर इस खबर को सुनकर बहुत दुखी हुआ था। राणा प्रताप की देश भक्ति से वह इतना प्रभावित हुआ था कि महाराणा की मौत पर उसके भी आँसू निकल आए थे।
पीले चावल बांटने वालों में रक्षपाल सिंह, धर्मेंद्र टंटी राजावत, अतुल रमेश पाठक, शेरू पचौरी, गिर्राज तोमर, राहुल सिंह भदौरिया, मनीष राजावत, शंकर राजावत, धर्मेंद्र तिवारी, शैलु भदौरिया, भूरे यादव, दीपू तोमर, यश जैन, भूपेंद्र ओझा, रितेश भदौरिया आदि लोग मौजूद रहे।
