भिंड में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक महिला के घर छापामार कार्रवाई करते हुए एक पिस्टल (Pistol) के साथ 1 जिंदा कारतूस बरामद किए है. बरामद कारतूस इंसास राइफल के हैं, जो सरकारी बंदूक होती है। इसके साथ कई चैनलों के आईडी कार्ड एवं कई सरकारी सील भी महिला के यहां मिली हैं। सरकारी बंदूक में उपयोग होने वाले बुलेट आखिर महिला के पास कैसे पहुंचे इस बात की तफ्तीश पुलिस कर रही है। हालांकि शुरुआती पूछताछ में महिला द्वारा यह बुलेट्स सीआरपीएफ में पदस्थ अपने जेठ के होना बताया जा रहा है।
दरअसल भिण्ड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा वैध-अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान महिला सेल प्रभारी डीएसपी पूनम थापा को मुखबिर द्वारा भिण्ड शहर के देहात थाना क्षेत्र में स्थित यदुनाथ नगर में रहने वाली एक महिला द्वारा अवैध हथियारों की खरीद फ़रोख़्त की जानकारी मिली।
मुखबिर की सूचना पर डीएसपी ने कुसुम भदौरिया नामक महिला के घर छापा मारा। इस दौरान जब पुलिसकर्मी पूजा घर में जाने लगे तो महिला ने उन्हें वहां जाने से रोका, लेकिन जब पूजा घर की भी तलाशी ली गयी तो वहां से पुलिस को एक अवैध पिस्टल बरामद हुई। यही नहीं केवल सरकारी विभाग में उपयोग होने वाली इंसास रायफल के एक दर्जन जिंदा कारतूस भी पुलिस को तलाशी के दौरान मिले। महिला के पास सरकारी रायफल के इतने कारतूस मिलने से पुलिस भी हैरान रह गई। डीएसपी पूनम थापा ने बताया की महिला के पास इतने कारतूस कहां से आए यह जांच का विषय है, क्योंकि इंसास रायफल केवल सरकारी सुरक्षा विभागों को ही उपलब्ध होती है।
पिस्टल के साथ ही सरकारी सीलें और मीडिया आई कार्ड भी बरामद
कुसुम भदौरिया नाम की इस महिला के पास कारतूस, पिस्टल के अलावा एक दर्जन से ज़्यादा सरकारी विभागों और अधिकारियों की सील भी मिली हैं। जिनमें SDM, तहसीलदार सहित कई बड़े अधिकारियों और विभागों की सील भी शामिल हैं। वहीं तलाशी के दौरान अलग-अलग मीडिया संस्थानों के कई आई कार्ड भी महिला के घर से मिले हैं।
ग्राहक बनकर सूचना को पुख्ता किया, फिर दी दबिश
डीएसपी पूनम थापा ने बताया कि उन्होंने मुखबिर से मिली सूचना को कन्फर्म करने के लिए अवैध हथियार खरीदने के लिए एक युवक को भेजा, जिससे महिला को रंगे हाथों पकड़ा जा सके। महिला की बातचीत से यह तो कन्फर्म हो गया था कि वह अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त में संलिप्त है। लेकिन आरोपी महिला को युवक पर शक हो गया और उसने हथियार देने में आनाकानी की। ऐसे में पुलिस ने देरी ना करते हुए उसके घर तुरंत दबिश दी और तलाशी के दौरान संदिग्ध गैर कानूनी वस्तुओं को बरामद किया है। अब आरोपी महिला को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। डीएसपी पूनम थापा ने मामले में पूछताछ के दौरान बड़े खुलासे होने की उम्मीद जतायी है।
भिंड पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाया जा रहा है वैध और अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान
दरअसल भारत में सर्वाधिक लाइसेंसी हथियारों (Licensed weapons) की संख्या चंबल अंचल (Chambal region) के भिंड-मुरैना (Bhind-Morena) में ही है। इसके साथ ही यहां पर बड़ी मात्रा में अवैध हथियार (Illegal weapons) भी मौजूद हैं। जब अंचल में डकैतों की समस्या थी उस समय लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से हथियार लिए, लेकिन अब यही हथियार कानून के लिए चुनौती बन रहे हैं। कुछ समय पहले तक चंबल अंचल के लोगों में बंदूक लेकर चलने का शौक था, लेकिन अब यह शौक धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है। लेकिन कई बार हथियार घर में होने से मामूली बात पर की हथियार चला दिए जाते हैं और क्षणिक आवेश में लोग बड़ा क्राइम कर गुजरते हैं। इसी को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा अवैध हथियारों के खिलाफ तो मुहिम चलाई ही जा रही है, हथियारों के प्रति लोगों का मोह भंग करने के लिए भी वह लगातार कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा लोगों से अपील की जाती है कि जहां तक संभव हो हथियार घरों में ना ही रखें तो बेहतर होगा। इससे क्राइम तो कम होगा ही, कई परिवार भी टूटने से बचेंगे। वैध हथियारों में भी सीमित संख्या में बुलेट के प्रयोग के लिए हाल ही में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा बुलेट पर क्यूआर कोड भी अंकित कराने का अभिनव प्रयोग किया गया। जिससे वैध लाइसेंसी हथियारों पर दिए गए एक-एक बुलेट का हिसाब रखा जा सकेगा।