भारत विकास परिषद शाखा जागृति के द्वारा संस्कृति सप्ताह के प्रथम दिवस पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी सदस्यों ने मिलजुल कर आपस में गुलाल अबीर एवं पुष्प वर्षा से एक दूसरे को रंग पंचमी की बधाई दी। इस अवसर पर परिषद की सचिव रत्ना कुशवाह ने होली त्यौहार के प्रारंभ की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा हिरण्यकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और विष्णु जी की भक्ति में लीन रहता था। हिरण्यकश्यप को यह बात पसंद नहीं थी इसलिए उन्होंने प्रह्लाद को कई तरीकों से मारने का प्रयास भी किया। अंततः उन्होंने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि में प्रवेश कर जाए जिसके परिणामस्वरूप होलिका जल कर मर गईं और भक्त प्रह्लाद बच गए। जिसके पश्चात हिरण्यकश्यप की क्रूरता को समाप्त करने हेतु भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकश्यप को समाप्त कर दिया। तभी से होलिका दहन का प्रचलन शुरू हुआ और होलिका की अग्नि में बुराइयों के समाप्त होने के बाद खुशियां मनाने के लिए अगले दिन रंग खेलने की प्रथा शुरू हुई। कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ रमन मित्तल दीदी ने दीप प्रज्वलन से किया।

इसी क्रम में परिषद की उपाध्यक्ष सुनीता सोनी ने सबको होली की बधाई दी और मिलजुलकर साथ कार्य करने की प्रेरणा दी। शाखा कोषाध्यक्ष रेखा अग्रवाल ने सबका स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन भी किया। युवा कवियत्री साक्षी जैन, गगन शर्मा, अंजू शर्मा ने काव्य पाठ किया। युवा कवियत्री साक्षी जैन ने बेटियों की समस्या को गाते हुए कहा
सुनो क्या कहती हैं ये नाजुक कली,
आने को डरती हैं बाहर हर घड़ी ।।

मंचीय बौद्धिक के बाद पुष्प और अबीर से सभी सदस्यों ने एक दूसरे को उल्लास और हर्ष से बधाई दी। समस्त महिलाओं द्वारा होली के पारंपरिक गीतों का गायन भी किया गया जो अत्यंत आनंददायक रहा। इस अवसर पर युवा कवियत्री साक्षी जैन को उनके द्वारा किए जा रहे साहित्य सृजन के लिए शॉल श्रीफल से सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम में शाखा संस्थापक अरुणा पाठक, आभा जैन, उषा नगरिया, प्रियंका शुक्ला, दिव्या शिवहरे, दीपशिखा शर्मा, एडवोकेट रश्मि भदोरिया, रानी जैन, हेमलता द्विवेदी, कमलेश जुनेजा, ब्रजबाला श्रीवास्तव, साक्षी पाठक, मनोज दीक्षित, धीरज शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
