परानिधेश भारद्वाज,
ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को रिश्वत लेते नगर निगम ग्वालियर के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक नगर निगम का कर संग्रहक यानि टीसी है और दूसरा आउट सोर्स कर्मचारी है। आरोपी निगम कर्मचारी रिटायर्ड डीएसपी से उनके मकान के नामांतरण के बदले 2000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे। जिसकी शिकायत रिटायर्ड डीएसपी द्वारा लोकायुक्त पुलिस को की गई। जिसके बाद कार्यवाही करते हुए शुक्रवार को दो कर्मचारियों को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।लोकायुक्त एसपी रामेश्वर यादव से मिली जानकारी के मुताबिक दीनदयाल नगर में रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी 71 वर्षीय भगवान दास पन्त ने लोकायुक्त कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था, जिसमें उनके मकान के नामांतरण क बदले नगर निगम के कर्मचारी रिश्वत की मांग कर रह थे। शिकायती आवेदन की जांच के बाद लोकायुक्त ने नगर निगम के कर संग्रहक (टीसी) गोपाल सक्सेना और उनके एक सहयोगी को ट्रैप करने की प्लानिंग की।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आवेदक रिटायर्ड डीएसपी भगवान दास पन्त को नगर निगम के कार्यालय क्रमांक 3 लूटपुरा भेजा। आवेदक भगवान दास पन्त ने नगर निगम कार्यालय लूटपुरा पहुंचकर टीसी गोपाल सक्सेना और उनके सहयोगी आउट सोर्स कर्मचारी रोहित कुमार को जैसे ही रिश्वत की राशि 2000 रुपये दी तो पहले से मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इशारा मिलते ही उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया। लोकायुक्त टीम ने आरोपी कर संग्रहक गोपाल सक्सेना की शर्ट की जेब से रिश्वत राशि बरामद की।
मामले में फरियादी का कहना है कि आरोपियों द्वारा ₹50000 उससे पहले ही ले लिए गए थे, लेकिन नामांतरण की जब कार्रवाई नहीं हुई और वह दोबारा पहुंचे तो आरोपियों द्वारा ₹10000 की और मांग की गई। जिसके बाद वह सीधे नगर निगम के दफ्तर पहुंचे और वहां पर अपना परिचय देकर नामांतरण का कार्य पूरा करवाया। लेकिन उसका पत्र इसी कार्यालय से मिलना था। पत्र देने के एवज में भी उनसे ₹3000 मांगे गए जिसमें से ₹1000 उन्होंने पहले ही दे दिए और दो हजार की रिश्वत देते हुए आज रंगे हाथों लोकायुक्त द्वारा पकड़ाया गया। हालांकि लोकायुक्त पुलिस पहले दिए गए रुपयों के बारे में कुछ भी नहीं बोल पा रही है। उनका कहना है कि उसका कोई सुबूत मौजूद नहीं है।
बाइट – भगवान दास पंत, शिकायतकर्ता