।परानिधेश भारद्वाज।
अपनी ओछी हरकतों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले मिर्ची बाबा ने एक बार साधु संतों के नाम को कलंकित करने का काम किया है। कांग्रेस की हर सभा में बिन बुलाए मेहमान के रूप में पहुंचने वाले तथाकथित संत मिर्ची बाबा ने एक बार फिर से बाबाओं के नाम को धूमिल करने का काम किया है। ग्वालियर में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित कमलनाथ के कार्यक्रम में एक बार फिर से मिर्ची बाबा बिन बुलाये मेहमान के रूप में पहुंच गया और फिर जमीन पर बैठकर अपनी बेइज्जती करवाई।
रामचरित मानस के रचयिता महाकवि तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के अलावा भी व्यक्ति के जीवन में उपयोगी पंक्तियां लिखीं हैं जो मानव जीवन को सारगर्भित करतीं हैं। उन्हें बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं। उन्हीं में से एक है-
“आवत ही हरसे नहीं, नैनन नहीं सनेह।
तुलसी तहँ न जाइये, कंचन बरसे मेह।।”.
लेकिन इन पंक्तियों को मिर्ची बाबा सरीखे कुछ तथाकथित बाबाओं ने शायद पढ़ा ही नहीं या कहें वह केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए बाबा का भेष धारण कर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं मिर्ची बाबा, जिन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के जीतने का दावा किया था और ना जीतने की दशा में समाधि लेने की बात कही थी। लेकिन अपना मानसिक संतुलन खो बैठे मिर्ची बाबा को इसके बाद तमाम फोन कॉल आए और उनके संकल्प के बारे में याद दिलाया। लेकिन तथाकथित संत बना घूम रहा मिर्ची बाबा फोन बंद करके बैठ गया। कुछ समय बाद वह फिर से कांग्रेस की सभा में जाने लगा।

लेकिन फर्जी संत मिर्ची बाबा की कलई खुल चुकी थी जिसके चलते ही कांग्रेसी भी इस तथाकथित संत को तवज्जो नहीं दे रहे। और यह कांग्रेस की हर बड़ी सभा में पहुंचकर संत समाज को भी कलंकित करने का काम कर रहा है। हालांकि संत समाज ने भी इससे किनारा कर लिया है।
हाल ही में ग्वालियर में कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार की सभा के मंच पर मिर्ची बाबा को चढ़ने नहीं दिया गया तो वह मंच के सामने जमीन पर ही बैठ गया। कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित पूर्व सीएम कमलनाथ की आम सभा में मंच पर जगह न मिलने से नाराज हुआ मिर्ची बाबा मंच के सामने ही जमीन पर बैठ गया। काफी देर तक मिर्ची बाबा वहीं जमीन पर बैठा रहा। जब मंच पर बैठे पूर्व सीएम कमलनाथ सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने मिर्ची बाबा को देखा तो एक नेता मंच से नीचे उतरे और बाबा को मंच पर लेकर गए। हालांकि मंच पर भी मिर्ची बाबा दो नेताओं के बीच में दबे हुए बैठे रहे और जबरदस्ती इधर-उधर नेताओं को अभिवादन करते रहे।
इससे पहले भी पिछले वर्ष भिंड में आयोजित हुई कमलनाथ की सभा में मिर्ची बाबा को मंच पर नहीं चढ़ने दिया गया था। और उसने जमकर अपनी फजीहत करवाई थी।