- परानिधेश भारद्वाज
भिण्ड। जिले के डूंगरपुरा गांव के रहने वाले डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह का 7 सितंबर 2018 को मुरैना जिले में ड्यूटी के दौरान रेत से भरे ट्रैक्टर को रोकने के दौरान ट्रैक्टर से कुचलकर मौत हो गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतक को शहीद का दर्जा देने और परिजनों को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक 15 लाख रुपए की विभागीय सहायता के अलावा परिजनों को कुछ नहीं मिला है। जिसके बाद परिजनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी।
सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताया जाता रहा है। कहते हैं कि सरकार बोलती कुछ और है और करती कुछ और है। इसका जीता जाता उदाहरण चंबल अंचल में देखने को मिल रहा है। यहां पर मुरैना जिले में रेत माफिया के ट्रैक्टर से कुचलकर डिप्टी रेंजर की 7 सितंबर 2018 को मौत हो गई थी।
इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव भी होना थे। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर ना करते हुए हादसे पर दुख जताया और मृतक डिप्टी रेंजर को शहीद का दर्जा एवं परिजनों को एक करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा टि्वटर पर की। (देखिये परिजनों द्वारा मीडिया को दिया गया मुख्यमंत्री का ट्वीट)
सूबेदार सिंह की मौत हुए लगभग 3 साल होने को आ गए हैं लेकिन शहीद के परिजन अब तक सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हुए हैं। डिप्टी रेंजर स्वर्गीय सूबेदार सिंह कुशवाह के परिजन भिण्ड, मुरैना से लेकर भोपाल तक गुहार लगा चुके हैं। शहीद के परिजनों ने बताया है कि उनके पिता की मौत के बाद स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर मृतक डिप्टी रेंजर को शहीद का दर्जा देने और परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी। लेकिन परिजनों के अनुसार उनको विभाग की ओर से 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के अलावा कुछ नहीं मिला। यहां तक कि उनकी माँ को पेंशन भी अभी तक नहीं मिली है। उसमें भी अधिकारियों द्वारा शहीद का तमगा लाने के लिए बोल दिया जाता है। लड़के को अनुकंपा नियुक्ति और एक करोड़ की सहायता राशि तो दूर की बात है। ऐसे में परिजन मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
बाइट- सुनील सिंह राजावत, शहीद का लड़का
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