भिंड जिले में शनिवार सुबह जिला जेल की बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा धराशाई हो गया, जिसमें 21 कैदी घायल हुए। जबकि कोई भी कैजुअल्टी उसमें नहीं हुई। लेकिन अफवाहों का बाजार काफी तेजी से गर्म हो गया और शहर सहित जिले भर में अफवाहों ने जोर पकड़ लिया। कई जगह तो घायलों की संख्या को मृतक बनाकर परोसा जाने लगा तो वहीं मलबे में कई कैदियों के दबे होने की अफवाह भी जमकर उड़ती रही। आलम यह था कि हादसे के कुछ समय बाद ही जिला पुलिस प्रशासन द्वारा घायलों की सूची चस्पा कर दिए जाने के बावजूद भी अफवाहों का बाजार गर्म रहा। हादसे में 255 कैदियों में से महज 21 कैदी घायल हुए थे, जिसमें केवल एक की हालत गंभीर होने के चलते उसे ग्वालियर रैफर किया गया था। हालांकि वह घायल अचेतन अवस्था में था और शाम तक उसकी स्थिति सामान्य नहीं हो सकी।
लेकिन हादसे में मृतकों की संख्या को बढ़ा चढ़ा कर बताने वाले महज झूठी अफवाह उड़ा रहे थे। हादसे से कुछ मिनट पहले दो नंबर बैरक खाली हो गई थी। उसकी छत ढहने से 7 नंबर बैरक में सो रहे कुछ कैदी नीचे आ गिरे थे जिनमें एक गंभीर घायल उदय सिंह को छोड़कर सभी सकुशल हैं।
सभी जन सामान्य से निवेदन है कि फैल रही अफवाहों पर ध्यान ना दें। जिला जेल धराशाई होने का मामला बड़ा था और इसमें बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। लेकिन यहां पर “जाको राखे साइयां मार सके ना कोई” वाली कहावत चरितार्थ हुई और बहुत बड़ा हादसा छोटी दुर्घटना में टल गया। घटना की जानकारी लगते ही ज्यादातर कैदियों के परिजन जिला जेल और अस्पताल पहुंचे और उन्होंने या तो अपने परिजनों से मुलाकात की या उनके साथियों से उनकी कुशलक्षेम के बारे में चर्चा की।[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=v1aS2b7nVxc[/embedyt]